AAP सरकार ने दिल्ली में पटाखों पर 1 जनवरी 2025 तक प्रतिबंध बढ़ा दिया है, जिसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण है। हर साल दिवाली के आसपास दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, और पटाखों का जलाना इसमें एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। सरकार का उद्देश्य प्रदूषण को कम करके जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करना है, खासकर सर्दियों के महीनों में जब मौसम की स्थिति, जैसे कम हवा की गति और बढ़ते कण पदार्थ, प्रदूषण को और बढ़ा देते हैं।
इस प्रतिबंध के जरिए प्रशासन पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करने और खराब हवा की गुणवत्ता से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों, जैसे श्वसन संबंधी समस्याओं को कम करने की कोशिश कर रहा है।
दिल्ली में हर साल दिवाली के समय वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब हो जाती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, एलर्जी, अस्थमा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। ठंड के मौसम में धुंध और धुआं मिलकर हवा को और जहरीला बना देते हैं, जिससे लोगों के लिए सांस लेना और भी मुश्किल हो जाता है। पटाखों के कारण निकलने वाले प्रदूषक तत्व जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, और अन्य हानिकारक गैसें हवा की गुणवत्ता को और खराब करती हैं।
सरकार का मानना है कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने से दिवाली के दौरान होने वाले प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों, को वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकेगा। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) भी कई बार पटाखों पर नियंत्रण और प्रतिबंध लगाने की सलाह दे चुके हैं, ताकि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके।
इसलिए, AAP सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में यह सख्त कदम उठाया है, ताकि आने वाले समय में दिल्लीवासियों को साफ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।